फिर चाहे अपना हो या पराया - कविता
बहके जो कोई तो संभाल लेना
फिर चाहे अपना हो या हो पराया
चंद मुस्कान रोशन कर देना
फिर चाहे अपना हो या पराया
सिसकने नहीं देना किसी को भी
फिर चाहे अपना हो या पराया
भर देना उनकी जिन्दगी सितारों से
फिर चाहे अपना हो या पराया
कुछ पुष्प खिला देना उनके आँगन में
फिर चाहे अपना हो या पराया
जीत जाएँ वो भी अपनी जिन्दगी की जंग
फिर चाहे अपना हो या पराया
मुफलिसी से बचा लेना उनको
फिर चाहे अपना हो या पराया
पीड़ा से मुक्त कर देना उनको
फिर चाहे अपना हो या पराया
फिर चाहे अपना हो या पराया
फिर चाहे अपना हो या पराया
अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "
सर्व अधिकार सुरक्षित
HARSHADA GOSAVI
13-Mar-2024 10:44 AM
aap hindi language kepage open kriye
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HARSHADA GOSAVI
13-Mar-2024 10:43 AM
👌👌👍🏻
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Reena yadav
04-Mar-2024 09:11 PM
👍👍
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